पंकज कुमार गौतम ( चीफ एडिटर)
मितौली खीरी। तहसील मितौली क्षेत्र के ग्राम करनपुर कैबा के हनुमान मंदिर प्रांगण में सात दिवसीय श्रीरुद्र महायज्ञ एवं विराट संत सम्मेलन का आयोजन किया गया अंतिम दिन मंत्र कर के साथ विधि विधान से यज्ञ में आहुति डालकर विशाल भंडारे के साथ समापन किया गया
परम पूज्य जगतगुरु श्री राम स्वरूप आचार्य कामदगिरि पीठाधीश्वर चित्रकूट पधारे जिनकी अमृतवाणी से श्री राम कथा में भगवान राम मर्यादा स्थापित करने को मानव शरीर में अवतरित हुए। पिता की आज्ञा पर वह वन चले गए। भगवान राम वन जाने के लिए गंगा घाट पर खड़े होकर केवट से नाव लाने को कहते हैं, लेकिन केवट मना कर देता है और पहले पैर पखारने की बात कहता है। केवट भगवान का पैर धुले बगैर नाव में बैठाने को तैयार नहीं होता है। भगवान ने पहले अपनी धर्मपत्नी सीता को नव में बिठाया यह घटना भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा वैदिक काल से ही हमारे ऋषियों ने नारी को पूजनीय कहा। राम-केवट संवाद का प्रसंग सुनकर श्रोता आनंदित हो गए। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आदर्श समाज में आज भी कायम है। भगवान प्रेम के भूखे हैं पेम करने वाले का हमेशा कल्याण करते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में भक्ति और उपासना का अलग महत्व है। निष्काम भाव से भक्ति करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शांतिकुटी आश्रम नैमिष धाम से पधारे परम पूज्य संत श्री स्वामी शाश्वतानंद महाराज ,परम् विद्वान कथा व्यास मुनेंद्र पांडे नैमिषारण्य धाम, लखनऊ से पधारे परम् विद्वान कथा व्यास अनुराग बाजपेई सहित वक्ताओं ने श्रीमद्भागवत कथा सुंदर भजनों को सुनाकर स्रोता को भावविभोर किया। राष्ट्रीय प्रहरी पवनेश महाराज के निर्देशन व कुशल संचालन में यज्ञ सम्पन्न हुई। वैदिक मंडल टीम यज्ञाचार्य शिवम अवस्थी, अमन, अवनीश, पुरुषोत्तम, अवधेश, वैभव, आकाश ने विधि विधान से मुख्य यजमान अजय शुक्ल धर्मपत्नी सहित पूजन अर्चन विधि विधान से सतो दिवस यज्ञ में आहुति समर्पित की गई । इस कार्यक्रम में यजमान व आयोजक अजय शुक्ला, नीतू शुक्ला, मीना शुक्ला सौरभ तिवारी, राकेश शुक्ला, मोहन बाजपेई, विनय मिश्रा, संजय शुक्ला एवम् समस्त क्षेत्र,ग्रामवासी एवम भक्त गणों के सहयोग से यज्ञ सम्पन्न हुई।
